
एडिटर तनीश गुप्ता✍️
खंडवा।। मान आत्मा का अवगुण होता है,घृणा,बुराई,गंदगी आदि की अंतरंग से शुद्धि की जानी चाहिए! दुख में कभी न घबराना, सुख मे मग्न न होना और समता भाव धारण करना श्रावक का गुण होना चाहिए! व्यक्ति की पूजा न होकर व्यक्तित्व का साक्षात्कार होना चाहिए,
यह उदगार पूज्य गुरुदेव विनतसागर सागर महाराज ने अपने प्रवचन मे उद्बोधित किये, विदित होवे गुरूवार पूज्य मुनिसंघ का पिच्छी परिवर्तन होने जा रहा है, समाज के सचिव सुनील जैन ने बताया कि पीच्छी परिवर्तन चातुर्मास के दौरान किया जाने वाला एक उत्सव है, पिच्छी दिगम्बर मुनिराज का एक उपकरण है, ये संयम का उपकरण माना जाता है। इस पिच्छी के बिना कोई साधु कदम भी नहीं चल सकता है,खंडवा में चातुर्मास हेतु विराजित परम पूज्य मुनि विनतसागरजी एवं विश्वमितसागरजी महाराज के खंडवा शहर में सफल चातुर्मास निष्ठापन पश्चात गुरुवार पिच्छी परिवर्तन कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है ! सौभाग्यशाली श्रावक का चयन पुरानी पिच्छिका हेतु एवं मुनिसंघ हेतु नवीन पिच्छिका इस कार्यक्रम मे भेंट की जायेगी ! सकल जैन समाज खंडवा इस दुर्लभ अवसर के साक्षी बनने सराफा जैन धर्मशाला उपस्थित होंगे, मुनि सेवा समिति के प्रचार मंत्री सुनील जैन प्रेमांशु जैन ने बताया की पूज्य मुनिराज के सानिध्य में सतत् चार माह
प्रवचन,पूजन,शंका समाधान,विविध शिविरों के माध्यम से खंडवा शहर ने धर्म प्रभावना का पुण्यार्जन किया, पिच्छिका परिवर्तन पश्चात मुनिसंघ विहार हेतु स्वतंत्र होते हैं,चातुर्मास का बंधन समाप्त हो जाता है,
ऐसै मे मुनि सानिध्य मे पिच्छिका परिवर्तन अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम होता है जब हम मुनिसंघ के चातुर्मास के उपसंहार को प्राप्त करेंगे,
गुरुवार पीच्छी परिवर्तन उत्सव दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक आयोजित इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजनो के साथ मुनिद्वय के मंगल प्रवचन का लाभ प्राप्त होगा ! दीक्षागुरु विनम्रसागरजी महाराज का संगीतमय पूजन भी भोपाल से पधारे आशीष भैया पुण्यांशजी के सानिध्य मे होगा, मुनि सेवा समिति से विजय सेठी,कैलाश पहाड़िया,पंकज सेठी,अविनाश जैन,पंकज जैन महल,नीरज बैनाडा, सुनील जैन, प्रेमांशु चौधरी, महेश जैन,भरत छाबडा,सचिन छाबडा,अर्पित जैन ने इस अवसर पर सकल जैन समाज से पिच्छी परिवर्तन कार्यक्रम मे सपरिवार उपस्थिति से कार्यक्रम सफल बनाने का निवेदन प्रस्तुत किया !